लाखो साल पहले त्रेता युग मे एक मुनीन्द्र नाम के ऋषि थे। वो अपने आश्रम में रहते थे व घूम घूम कर लोगो को भगवान की कथा सुनाते व भगति करने की सलाह देते। उनके आशीर्वाद से लोगो को बहुत से रोगों से छुटकारा मिलता व एक सुखपूर्ण जीवन का आधार मिलता। यहां तक कि श्रीरामचंद्र जी ,लंकापति रावण, हनुमान जी भी ऋषि मुनीन्द्र जी के संपर्क में आये। व उनके अटके काम भी ऋषि मुनीन्द्र जी की कृपा से ही ठीक हुए। ऋषि मुनीन्द्र [Munndra Rishi] जी द्वारा नल व नील का भयंकर रोग सही करना। नल व नील नाम के दो भाई थे ।उनको एक भयंकर रोग था ।जिसके इलाज के लिए वो सब जगह गए लेकिन कोई भी ठीक न कर सका। उनका रोग निवारण मुनीन्द्र ऋषि जी के आशीर्वाद से हुआ। दोनों भाई मुनीन्द्र ऋषि के आश्रम में रहने लगे और वहां आने वाले भगतो की सेवा करने लगे।उनके कपड़े बर्तन आदि नदी में ले जाकर धो लाते। दोनों भाई बहुत ही भोले भाले थे ।वे दोनों भाई नदी में कपड़ो को भिगो देते व बातें करने लग जाते। जब वो बातें करते तो कुछ कपड़े पानी मे बह जाते। इससे जिन लोगो के कपड़े गुम होते उन्हें बहुत परेशानी आती।उन्होंने यह शिकायत मुनीन्...